“भोले के मेहमान खतरे में जान “
रिपोर्ट: पिंकी कश्यप।
राजा जी टाइगर रिजर्व पार्क में जानजोखिम में डाल कर दिन और रात में कर रहे कांवड़ यात्रा, सुरक्षा के कोई इंतज़ाम नहीं ,पूरा पैदल मार्ग कावड़ियों से भरा कभी हो सकता मानव जीव संघर्ष, नीलकंठ कावड़ यात्रा लक्ष्मण झूला पुल बंद होने के बाद बेहद खतरनाक और जोखिम भरी हो गयी है।
ऋषिकेश से नीलकंठ कावड़ यात्रा अपने पूरे शबाब पर है, दूर दूर से कावड़िए जलाभिषेक के लिए नील कंठ महादेव मंदिर पहुंच रहे है कांवड़ यात्रा का पूरा पैदल मार्ग राजा जी टाइगर रिजर्व पार्क के घने जंगलो से होकर गुजरता है ऐसे में लाखो की संख्या में कावड़िये इसी मार्ग से पैदल और वाहनों से जा रहे है, लेकिन हाथी बाहुल्य छेत्र में सुरक्षा सिर्फ चार वन विभाग के गस्ती दल पर है , जबकि पौड़ी प्रशासन सुरक्षा तैयारी का पूरा भरोसा दे रहा है। नीलकंठ यात्रा मार्ग पैदल और सड़क मार्ग पर वन विभाग की कोई भी अस्थाई चौकी मेले के दौरान नहीं है हाथी और जानवरों से भरे इस मार्ग में ऐसे में कोई भी अनहोनी किसी बड़े हादसे को जन्म दे सकती है जानकार मानते है कि इतनी बड़ी संख्या में लोगो का पार्क छेत्र से जाना कभी भी हाथी और टाइगर बाहुल्य छेत्र में मानव-जीव संघर्ष का कारण बन सकता है।