उत्तराखंड

गर्भवती महिला से दुष्कर्म, कुसुम कंडवाल ने सख्त कार्रवाई के दिए निर्देश

देहरादून।

चकराता क्षेत्र में छह माह की गर्भवती महिला के साथ दुष्कर्म की घटना की दैनिक समाचार पत्रों के माध्यम से जानकारी मिलने पर उत्तराखण्ड राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कण्डवाल ने स्वतः संज्ञान लेते हुए तत्काल हस्तक्षेप किया है। अनुसूचित जाति की पीड़िता ने गांव के ही युवक पर सार्वजनिक शौचालय में जबरन ले जाकर दुष्कर्म करने का गंभीर आरोप लगाया है।

घटना पर अध्यक्ष कण्डवाल ने कहा कि यह अत्यंत दुखद और निन्दनीय मामला है। इस प्रकार की संवेदनशील घटना समाज को झकझोरने वाली है और आरोपियों की घटिया तथा निकृष्ट मानसिकता को दर्शाती है। गर्भवती महिला के साथ इस तरह का कुकृत्य महिला अस्मिता पर सीधा प्रहार है।

संज्ञान लेने के तुरंत बाद अध्यक्ष कुसुम कण्डवाल ने उपजिलाधिकारी चकराता क्षेत्र प्रेम लाल को फोन पर वार्ता के क्रम में निर्देशित किया कि यह मामला राजस्व पुलिस से तत्काल रेगुलर पुलिस को ट्रांसफर किया जाए, जिससे निष्पक्ष, त्वरित और प्रभावी जांच सुनिश्चित हो सके।

उन्होंने जिलाधिकारी देहरादून को भी मामले में गंभीर, ठोस और कठोरतम कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए कहा है।

इसके अतिरिक्त, अध्यक्ष ने एसपी देहात देहरादून पंकज गैरोला को भी वार्ता करते हुये स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि मामला रेगुलर पुलिस के पास आते ही त्वरित और सख्त कार्रवाई की जाए एवम आरोपी से किसी भी प्रकार की ढिलाई न बरती जाए।

अध्यक्ष कुसुम कण्डवाल ने कहा “यह मामला किसी भी जाति से पहले महिला की अस्मिता पर आंच और असुरक्षा का है। आयोग महिलाओं के साथ इस प्रकार के कुकृत्य करने वालों को बिल्कुल नहीं बख्शेगा। दोषियों पर कठोरतम दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।”

उन्होंने यह भी निर्देशित किया है कि पीड़िता और उसके परिवार की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए तथा पीड़िता को उचित से उचित चिकित्सा उपचार तत्काल उपलब्ध कराया जाए। गर्भावस्था को देखते हुए उसकी शारीरिक और मानसिक स्थिति पर विशेष ध्यान देने के आदेश जारी किए गए हैं।

महिला आयोग ने स्पष्ट किया है कि पूरे मामले की लगातार मॉनिटरिंग की जाएगी। पीड़िता को हर संभव न्याय दिलाया जाएगा।

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