चारधाम यात्रा मार्गों पर होंगे प्रशिक्षित चिकित्सक तैनात
चारधाम यात्रा के दौरान यात्रा मार्गों पर प्रशिक्षित चिकित्सकों की तैनाती के उद्देश्य से इन दिनों एम्स ऋषिकेश द्वारा राज्य सरकार के चिकित्सकों को आघात व आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं के प्रति प्रशिक्षण दिया जा रहा है। राज्य सरकार के साथ साझा पहल के तहत इस सप्ताह पांचवें बैच को प्रशिक्षण दिया गया।
राज्य में चारधाम यात्रा के दौरान पर्यटकों की सुरक्षा और सुदृढ़ स्वास्थ्य सेवाओं की आवश्यकताओं को देखते हुए एम्स और राज्य सरकार की साझा पहल के तहत एम्स में प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है। संस्थान के ट्रॉमा सेंटर में आयोजित इस कार्यक्रम में राज्य के मेडिकल ऑफिसरों के पांचवें बैच को प्रशिक्षित किया गया।
प्रशिक्षण के कोर्स डायरेक्टर एवं एम्स के ट्रॉमा सर्जन डॉ. मधुर उनियाल ने प्रशिक्षणार्थियों को घातक रोगियों के प्रारंभिक मूल्यांकन संबंधी जानकारी दी। इस दौरान प्राथमिक सर्वेक्षण और रोगी को उच्चस्तरीय सुविधाओं के लिए सुरक्षित रूप से स्थानांतरित करने के महत्व पर प्रकाश डाला गया।
कार्यक्रम में इमरजेंसी मेडिसिन विभाग की हेड डॉ. निधि कैले ने विभिन्न आपातकालीन स्थितियों और उन्हें प्रबंधित करने के तरीकों के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी। प्रशिक्षण में पिथौरागढ़, अल्मोड़ा नैनीताल और टिहरी आदि जिलों से आए 30 चिकित्सा अधिकारीयों को प्रशिक्षण दिया गया।
उल्लेखनीय है कि संस्थान के ट्रॉमा सेंटर में दिए जा रहे प्रशिक्षण के इस वृहद कार्यक्रम की शुरुआत बीते माह 6 मार्च को हुई थी। इससे पूर्व राज्य के मेडिकल ऑफिसरों के 4 बैचों को इस संबंध में प्रशिक्षित किया जा चुका है। कार्यक्रम के तहत राज्य के 150 मेडिकल ऑफिसरों को कैपेसिटी बिल्डिंग प्रोग्राम के अंतर्गत प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रशिक्षण देने वाले चिकित्सकों की टीम में ट्रॉमा विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. कमर आजम, प्रोफेसर निशिथ गोविल, डॉ. भास्कर सरकार, डॉ. पूनम अरोरा, डॉ. नीरज कुमार, डॉ. अवनीश कटियार, डॉ. जॉनी सक्सेना आदि शामिल रहे।
“चारधाम यात्रा के दौरान स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने से संबंधित चुनौतियों का निवारण करने हेतु इस ट्रेनिंग का आयोजन किया जा रहा है, इस ट्रेनिंग का उद्देश्य चारधाम यात्रा के दौरान तीर्थयात्रियों में मृत्यु दर कम करना एवं यात्रियों को चारधाम यात्रा मार्ग पर ही उच्च गुणवत्तापरक चिकित्सा सेवा प्रदान करना है। ’’ – प्रोफेसर (डॉ.) मीनू सिंह, कार्यकारी निदेशक, एम्स ऋषिकेश।