प्रदेश को भ्रष्टाचार से मुक्त बनाने के सीएम धामी ने दिए निर्देश

पौड़ी।
सुशासन से प्रदेश को भ्रष्टाचार से मुक्त बनाने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा दिए गए निर्देशों के क्रम में जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान द्वारा जिला स्तरीय व क्षेत्रीय अधिकारियों की एक महत्वपूर्ण बैठक आहूत की गई।
जनपद में दूरस्थ ग्रामीण अंचलों में निवासरत आमजनमानस सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं का समय व पारदर्शिता के साथ लाभ दिलाने, गांवों में जाकर उनकी समस्याओं को निर्धारित समयसीमा के भीतर निस्तारित करने को लेकर जिलाधिकारी ने अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए।शनिवार को वीसी के माध्यम से आयोजित सुशासन संबंधी बैठक में जिलाधिकारी ने कहा कि सरकार जनता के द्वार कार्यक्रम के तहत जारी किए गए रोस्टर के अनुसार अधिकारी गांव गांव जाकर जन समस्याओं का स्थानीय स्तर पर समाधान कर रहे हैं, जिसे और अधिक गति प्रदान करने की आवश्यकता है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि क्षेत्रीय अधिकारियों, कर्मचारियों के स्तर की शिकायत या समस्या का समाधान स्थानीय स्तर पर नहीं किए जाने पर संबंधित अधिकारी, कर्मचारी की जवाब तय की जाएगी। उन्होंने कहा कि प्राय: देखने में आ रहा है कि छोटी सी क्षेत्रीय, स्थानीय स्तर की शिकायत भी जिला प्रशासन या शासन स्तर पर पहुंच रही है, जबकि इसका समाधान तैनात संबंधित क्षेत्रीय अधिकारी, कर्मचारी बिना किसी रुकावट के कर सकता है। उन्होंने अधिकारियों को चेतावनी दी कि यदि स्थानीय स्तर पर हल हो सकने वाली शिकायत जिला या शासन स्तर पर पहुंचती है तो ऐसी स्थिति में संबंधित क्षेत्रीय कर्मचारी, अधिकारी के विरुद्ध आवश्यक कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
उन्होंने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए की सरकार जनता के द्वार कार्यक्रम के तहत अधिकारियों को ग्राम स्तर पर जो भी खामियां या शिकायतें प्राप्त हुई है उसका 15 दिन में निस्तारण करते हुए जिला कार्यालय को रिपोर्ट उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। जिलाधिकारी ने कहा कि दुरस्थ ग्रामीण अंचलों में ऐसे भी लोग निवासरत है जो अपनी समस्या, शिकायत को लेकर प्रशासन के द्वार नहीं आ पाते हैं, ऐसे जरूरतमंत व असहाय व्यक्तियों के पास जाकर उनकी समस्याओं को सुनकर उसका निस्तारण करना सुशासन के मुख्य पहलुओं में से एक है।
उन्होंने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए की सभी अधिकारी अपने-अपने कार्यालय के अधीनस्थ स्टॉफ की पब्लिक डीलिंग के दौरान उनके व्यवहार व कार्यशैली की समीक्षा करें। उन्होंने कहा कि जनपद के सभी कार्यालयों को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने के लिए सभी अधिकारी अपने कार्यालय में टोल फ्री नम्बर 1064 से संबंधित पोस्टर को अनिवार्य रूप से चस्पा करना सुनिश्चित करें। जिलाधिकारी ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि कोई अधीनस्थ,बक्षेत्रीय स्टाफ रिश्वत, घूसखोरी में संलिप्त पाया जाता है, तो ऐसी स्थिति में दोषी स्टाफ के साथ-साथ संबंधित विभागाध्यक्ष की जिम्मेदारी भी तय की जाएगी। हरकतों से बाज आ जाएं।
उन्होंने सभी जिला स्तरीय अधिकारियों को विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत लाभार्थियों से भरवाए गए अनावश्यक व गैर जरूरी प्रारूपों को प्रक्रिया से हटाने तथा प्रारूप को आसान बनाने के निर्देश दिए, ताकि आमजन को अनावश्यक समस्याओं का सामना न करना पड़े। उन्होंने कहा कि अधिकारी अपने विवेक का प्रयोग करते हुए कार्यालय में अनावश्यक व गैरजरूरी गतिविधियां, प्रैक्टिस, फॉर्मेट आदि को प्रक्रिया से हटाते हुए आमजन को त्वरित गति से जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ देना सुनिश्चित करें।



